संचार प्रौद्योगिकी - परिचय
भाषण, संकेत या प्रतीकों के उपयोग के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान संचार कहलाता है। जब शुरुआती मनुष्यों ने बोलना शुरू किया, लगभग 5,00,000 साल पहले, यह संचार का पहला तरीका था। इससे पहले कि हम आधुनिक प्रौद्योगिकियों में डुबकी लगाते हैं जो समकालीन दुनिया में संचार चलाते हैं, हमें यह जानना होगा कि मनुष्य ने एक दूसरे के साथ ज्ञान साझा करने के लिए बेहतर संचार तकनीक कैसे विकसित की।
संचार का इतिहास
दूरी पर लोगों के साथ संचार के रूप में जाना जाता है telecommunication। दूरसंचार के पहले रूप थेsmoke signals, drums या आग torches। इन संचार प्रणालियों के साथ प्रमुख नुकसान यह था कि केवल पूर्व-निर्धारित संदेशों का एक सेट प्रेषित किया जा सकता था। के विकास के माध्यम से 18 वीं और 19 वीं शताब्दी में इस पर काबू पाया गयाtelegraphy तथा Morse code।
1878 में टेलीफोन की खोज और वाणिज्यिक टेलीफोनी की स्थापना ने संचार प्रणालियों में बदलाव को चिह्नित किया और वास्तविक दूरसंचार का जन्म हुआ। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) दूरसंचार को किसी भी संकेत, संकेतों या संदेशों के प्रसारण, उत्सर्जन और स्वागत के रूप में परिभाषित करता है। अब हमारे पास हजारों किलोमीटर दूर शारीरिक रूप से स्थित लोगों से जुड़ने के लिए संचार तकनीक थी।
टेलीविज़न ने धीरे-धीरे टेलीविज़न, वीडियोफ़ोन, उपग्रह और अंत में कंप्यूटर नेटवर्क को रास्ता दिया। कंप्यूटर नेटवर्क ने आधुनिक दिन संचार और संचार प्रौद्योगिकियों में क्रांति ला दी है। यह बाद के अध्यायों में हमारे गहन अध्ययन का विषय होगा।